Header Ads

Hunkar se khada hua karawaan

 

हुंकार से खड़ा हुआ कारवां, बन गया ऐतिहासिक जीत की पहचान: -

RLP यानी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी राजस्थान के युवा नेता हनुमान बेनीवाल ने आज से लगभग 5 साल पहले 29 अक्टूबर को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाने का ऐलान किया था। मसलन 29 अक्टूबर को जयपुर में एक हुंकार रैली का आयोजन भी किया गया था। इस रैली में लाखों की तादात में भीड़ शामिल हुई और नतीजन काफिला बना जिसका साक्षी आज पूरा राजस्थान है और बदलाव के इस कारवां का जश्न मना रहा है।




बदलाव की दिशा में एक सोच की शुरुआत :

अमूमन जब किसी राजनीतिक दल का गठन होता है तो कुछ नेता मिलकर एक संगठन बनाते हैं। फिर अपनी विचारधारा के अनुसार राजनीतिक दल का गठन करते हैं। लेकिन राजस्थान के इस बदलाव के नायक की एक हुंकार ने जन्म दिया एक राजनैतिक पार्टी को जिसका नाम है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानी आरएलपी और वो नेता है हनुमान बेनीवाल। पार्टी ने अपने गठन के साथ ही विधानसभा चुनाव में ताल ठोक दी। इस युवा नेता के कुशल और मज़बूत नेतृत्व ने  पहली ही बार में पार्टी ने राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करवाई और पार्टी के गठन के अगले ही साल लोकसभा चुनाव में भी अपना परचम लहराया।

 

तारीख जो बन गयी एक ऐतिहासिक दिन:

29 अक्टूबर 2018 न सिर्फ एक तारीख है बल्कि राजस्थान की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक दिन बनकर अंकित है। बदलाव के नायक मज़बूत और ढृढ़ संकल्पित नेता हनुमान बेनीवाल ने 29 अक्टूबर को एक हुंकार रैली का आयोजन किया। इस रैली में लाखों की तादात में भीड़ शामिल हुई। राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत सिंह और वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी भी हुंकार रैली में शामिल हुए। इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने नए राजनैतिक दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के गठन का ऐलान किया। 6 अक्टूबर 2018 को राजस्थान में विधानसभा चुनाव का तिथियां घोषित हो चुकी थी। चुनाव कार्यक्रम जारी होने के बाद बेनीवाल ने पार्टी बनाई और विभिन्न सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे।

 

मज़बूत इरादों की शानदार जीत:

हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने पहली बार में ही तीन सीटों पर चुनाव जीत लिया। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने खींवसर, इंदिरा देवी बावरी ने मेड़ता और पुखराज गर्ग ने भोपालगढ से चुनाव जीता। इंदिरा देवी बावरी और पुखराज गर्ग ने सिर्फ हनुमान बेनीवाल के नाम पर चुनाव लड़ा और चुनाव में जीत गए। हनुमान बेनीवाल तीन बार विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में नागौर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

 

कुशल नेतृत्व की बड़ी जीत

पार्टी के गठन के तुरंत बाद अगले ही साल 2019 में लोकसभा चुनाव आ गए। और लोकसभा के इन चुनावों में हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर से बड़ी हुंकार भरते हुए चुनावी रण में कदम रखा और अपने नाम की एक बड़ी और शानदार जीत दर्ज करते हुए अपने कुशल नेतृत्व से फिर से जनता को रूबरू करवाया। दरअसल पार्टी के राष्ट्रीय संयोजन ने भाजपा के साथ गठबंधन किया। भाजपा ने नागौर लोकसभा सीट से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल को समर्थन दिया, नतीजन जीत बेनीवाल की हुई। बाद में हनुमान बेनीवाल के लोकसभा जाने से खींवसर विधानसभा सीट खाली हो गई। जहाँ उपचुनाव में खींवसर से हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल ने आरएलपी चुनाव जीता।

व्यक्तित्व जो है अपनेआप में पहचान:

महज़ बीते इन 4-5 सालों में पार्टी ने अपनी शानदार शुरुआत का प्रर्दशन करते हुए राजस्थान की जनता के दिलों में जो जगह बनाई और बखूबी आज जनता जनार्दन के सर चढ़कर बोलता है यही कारण है कि चुनावी इस माहौल में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को एक उम्मीद की किरण और बदलाव की लहर के रूप में देखा जा रहा है। आज नेता हनुमान बेनीवाल के चर्चे हर ज़ुबा पर है, चाहे उनका ज़मीनी स्तर पर कार्य करने का तरीका हो या उनकी भाषण शैली उनकी ये पहचान भी जनता में एक चर्चा का विषय है, जो मालूम करवाता है कि अपनी माटी और लोगों से कितना जुड़े हैं बेनीवाल।



 

 

 

 

No comments