भारत
नया भारत सशक्त भारत
भारत और भारतीय संस्कृति और हमारी परम्पराएं यूँ तो सबसे प्राचीन है। पर फिर भी आज ये कहना आवश्यक हो जाता है कि आज एक नवनिर्माण हो रहा है नये भारत का, सशक्त भारत का क्योंकि जिस प्रकार अंग्रेज़ों और मुगलों के बाद चीज़ें बदली या आंशिक तौर पर जो बदलाव हुए वो अब फिर से अपने यथा स्वरुप जो युगों से चले आ रहे हैं उसमें परिवर्तित होते दिख रहे हैं। यही कारण है कि नये भारत में आज एक नई सभ्यता और एक नई संस्कृति करवट ले रही है। नये राजनीतिक मूल्यों, नये विचारों, नये रीति-रिवाजों और नयी जिंदगी की हवायें लिए हुए आजाद मुल्क की एक ऐसी गाथा लिखी जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय चरित्र बनने लगा है, राष्ट्र सशक्त होने लगा है, न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र हस्ती और पहचान लेकर उपस्थित है।
चीन की दादागिरी और पाकिस्तान की दकियानूसी हरकतों को मुंहतोड़ जवाब पहली बार मिला है। किसी भी राष्ट्र की ऊंचाई वहां की इमारतों की ऊंचाई से नहीं मापी जाती बल्कि वहां के राष्ट्रनायक के चरित्र से मापी जाती है। उनके काम करने के तरीके से मापी जाती है। और ये अंदाज़ा हम हमारे प्रधानसेवक श्री नरेंद्र मोदी का उनके सेवा, समर्पण और उनकी ढृढ़ ईच्छा शक्ति से लगा सकते हैं।
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