ज़िन्दगी को दिखाई राह
ज़िन्दगी को शायद ही इतना खूबसूरत बना पाते, अगर ज़िन्दगी सिखाने वाले गुरु ना होते।
ज़िंदगी मे एक सही दिशा का ज्ञान ज़रूरी है और वही दिशा इंसान की दशा बदल देती है। वह दिशा या राह दिखाने वाले हमारे गुरु होते हैं जिनकी बदौलत हम जीवन में कुछ कर पाते हैं।
शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जो गुरु का ना हो या हमें उनके मार्गदर्शन की ज़रूरत न पड़ी हो।
ज़िंदगी के हर मोड़, हर राह, हर कठिन डगर पर इंसान रूपी उस फरिश्ते ने हमें सही राह और सही दिशा का ज्ञान कराया और उन्हीं की बदौलत आज हम एक मुकाम पर खड़े हैं। इस जीवन के इस सफ़र को और खूबसूरत बना पा रहे हैं।
एक गुरु सामान्य होते हुए भी मनुष्य को महान बनाने की ताकत रखता है। आज हम जो भी हैं जीवन में जो भी कर पा रहे हैं या जो मुकाम पाया है, यह सब संभव हो पाया है तो "गुरु" की बदौलत। चाहे वे हमारे पहले गुरु माता-पिता हो या शिक्षक ज़रा सोचिए अगर गुरु हमें पढना नहीं सिखाते, शब्दों का अर्थ नहीं बताते तो क्या हम अपने में आत्म-विश्वास भर पाते ..?
सही और ग़लत में अंतर जान पाते ?
उनके द्वारा कही कहानियों में जीवन के कितने सबक छुपे हुए थे, ये आज हम समझ पाते हैं।
अगर ज़िंदगी सिखाने वाले गुरु ना होते तो शायद ही जीवन को सही राह दे पाते।
गुरु गोविंद दौऊ खड़े, काके लागू पाय,
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय!
इस संसार में गुरु को ईश्वर से भी उच्च स्थान प्राप्त है। हमारे शास्त्रों में भी कई ऐसे उदाहरण हैं। जहां गुरु को ईश्वर से भी महान बताया गया है।
मेरी ज़िंदगी का ये दिन और तमाम दिन ज़िंदगी सिखाने वाले फरिश्तों के सज़दे में सर झुकाने को बार-बार मन करता है।
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