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lockdown v/s trapped

22 मार्च से पूरा देश लॉक डाउन है लेकिन फिर भी कई जीव जंतु मज़े से घूम रहे हैं। शुक्र है आपके पास खाने को राशन है, नहाने को पानी और बिजली भी अरे...अरे इन सब के इत्तर सबसे ज़्यादा जो ज़रूरी है वो मोबाइल फोन।

सिंगल हैं तो फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टा पर चटिया लेते हो और कोई नहीं है तो टिंडर पर लेफ्ट - राइट स्वाइप करके भी काम चला लेते होंगे। जो थोड़ा धार्मिक है वो रामायण और गृहकार्य में दक्ष किचन में हाथ बटा लेते होंगे।
क्योंकि जनाब आप सिर्फ लॉक डाउन हैं ट्रैप्ड नहीं
सोचिए अगर आप ट्रैप्ड हो एक ऐसी जगह जहां दाना - पानी, बिजली और तो और मोबाइल भी ना हो तो कैसे रहेंगे ?

एक दिन काटना भी भारी पड़ जायेगा। खैर मेरा तो क्या दिन में वर्क फ्रॉम होम कर लेता हूं और रात को ट्रैप्ड जैसी बेहतरीन डायरेक्शन, जबरदस्त एक्टिंग और कम बजट वाली फिल्में देख लेता हूं।



हालांकि ऐसी फिल्में बॉलीवुड में कम ही बनती हैं लेकिन जब ऐसे कमाल के डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और एक्टर हो जिनके खून में कीड़े रेंगते हैं तो ऐसी फिल्में बनाई जा सकती है। लॉक डाउन के दौरान ज़रूर देखें ये ट्रैप्ड।

निर्देशक - विक्रमादित्य मोटवानी
स्टार कास्ट -  राजकुमार राव, गीतांजलि थापा
स्क्रिप्ट राइटर - अमित जोशी, हार्दिक मेहता
प्रॉडक्शन कंपनी - फैंटम

और हां सबसे ज़रूरी बात 1 घंटे और 45 मिनट की इस फिल्म में कोई इंटरवल नहीं है
यकीन मानना एक बहुत बेसिक स्टोरी के साथ
ख़त्म होने तक ट्रैप हो जाओगे।

Anuj Pareek

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