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हक़ है तुझे भी - आकांक्षा तंवर

किसी की सोच के चश्मे का ठेका तेरा नहीं

ये ज़िन्दगी तेरी है, दुनिया का इस पे कब्ज़ा नही..२

तोड़ दे पैरो की बेड़ियों को
जी ले खुल के हर लम्हे को
वो कर जो मन करे..२
विश्वास से बड़ा डर तो नहीं

मत सुन सबकी, बस सुन मन की
आंसू को कमजोरी नहीं, ताकत बना अपनी
साहस से भर ले सीने को..२
और लग जा आजादी की जंग में भीगने को

बेटी, बहिन, बीवी, बहु
इन सब से भी पहले 
लड़की है तू..२

तो फ़र्ज़ निभा, फ़र्ज़ निभा
बेख़ौफ़ जीने का समां बना
क्योंकि

हक़ है तुझे भी, खुले आसमां में जीने का
हक़ है तुझे भी, सबके सामने खिलखिला के हँसने का
हक़ है तुझे भी, फैसले लेने का
हक़ है तुझे भी, अकेले आवारा आज़ाद जीने का
अकेले आवारा आज़ाद रहने का
आकांक्षा तंवर

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