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Sushant

सु शांत

हो सकता है किसी सुशांत ने भी आपको कॉल किया हो और अभी उसे सिर्फ सुसाइड का ख़्याल आया हो या अभी वो इन झमेलों से बचने का कोई रास्ता ढूंढ रहा हो। एक दिन उसे कोई रास्ता नज़र नहीं आता उसे लगा कि अब कुछ नहीं होगा, कुछ भी पहले जैसा नहीं हो सकता। क्या करा जाए वह अपने दोस्तों  को भी फोन करता है लेकिन किसी ने भी समझने की कोशिश नहीं की। जब उसे लगा उसकी लाइफ में कोई भी ऐसा नहीं है क्या ?
जिसे वो बता सके कि उसके अंदर क्या चल रहा है ?
बता सके कि साला मेरा माथा फिरने लगा है पता नहीं क्यों, कैसे ख़्याल आने लगे हैं। वो ढूंढ़ता है उस इंसान को जिसे वो सब बता सके मगर अफसोस सब अपने में ही लगे होते हैं।
अगर आपके पास कभी कोई कॉल आए तो ये हरगिज़ मत कहना सुनना यार बाद में करता हूं बात।
- Anuj Pareek
Writer, Poet, Storyteller 

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