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Kahani Hona tha - Anuj Pareek

हमें तो बस कहानी होना था
 ★★★★★ 

© Anuj Pareek

 Poem (Hindi) 
(Hindi)Romance




कैसे कहें, कैसे बताएं 

जो राज़ दिल में छुपाए 

ज़िक्र तेरा जब-जब भी ज़हन में आए

दिल का दर्द ज़ुबा पे आए।

 

फिर भी कुछ कह ना पाए

ख़ामोशी लिए ही चले जाए

चाहे कुछ भी हो बात,

हर बात में ज़िक्र तेरा ही आए। 



फ़िक्र तो तेरी आज भी सताए

ज़िक्र फिर भी किसी से कर ना पाए

दूर जब तुम हमसे हुए 

खुशियों से मीलों दूर,

गमों के क़रीब हुए।



बेसबब तुमसे मिलने को इतना तरसे  

जैसे लहरें किनारों को तरसे 

साथ मुकम्मल ना होना था 

हमें तो बस कहानी होना था। 



मिलना तो बस इतना था

पल भर का साथ

और सदियों की दूरी होना था 

इश्क़ कहां मुकम्मल होना था 

हमें तो बस कहानी होना था।  

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