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Rooh Se Rooh Tak

ढाई अक्षर का एक शब्द प्यार जो अपने आप में एक कहानी है। कहानी हां हम सब की एक कहानी
शायद ही ऐसा कोई हो जिसे प्यार ना हुआ हो या फिर प्यार को ना जिया हो। प्यार एक खूबसूरत अहसास का नाम है और जब होता है तो ज़िन्दगी किसी ख़्वाब से कम नहीं लगती। फिर चाहे प्यार एक तरफा हो या दोनों तरफ से। ज़िन्दगी और खूबसूरत लगने लगती है। ढाई अक्षर का ये अदना सा शब्द अपने आप में एक गहरी कहानी लिए होता है। जो या तो मुकम्मल हो जाती है या फिर अधूरी ही रह जाती है। जी हां दोस्तों मैं अनुज लेकर आया हूँ एक ऐसे सफर की कहानी "रूह से रूह तक" विनीत बंसल द्वारा लिखी यह कहानी है दोस्ती और प्यार पर एक ऐसा दोस्त जो दोस्त कम भाई ज़्यादा। 

कहानी की शुरुआत होती है नील से। नील एक छोटे से शहर का सीधा-सादा सा लड़का यूनिवर्सिटी में आता है और पहले ही दिन रणदीप की जान बचा लेता है। रणदीप यूनिवर्सिटी का सबसे रुआबदार लड़का। दोनों में दोस्ती कुछ इस कदर बढ़ती है की एक-दूसरे को भाई समझने लगते हैं। इसी बीच नील को अपनी क्लासमेट अदिति से प्यार हो जाता है- सच्चा प्यार। प्यार रणदीप को भी होता है- रिया से, लेकिन एकतरफ़ा प्यार। रिया नील को प्यार करती है और रणदीप रिया  को।
परिस्थितियाँ कुछ यूँ करवट लेती हैं कि रिया आत्महत्या कर लेती है और जाने से पहले अपनी हत्या का इल्जाम लगा जाती है नील पर। दोस्त जो भाई से कम नहीं थे प्यार के चक्रव्यूह में ऐसे फंसते है सब एक ही पल में ख़त्म हो जाता है। आखिर क्या होता है ऐसा जो दोस्त एक-दूसरे को भाई से ज़्यादा समझते थे वो दुश्मन बन जाते हैं। क्या होता है जब प्यार सनकपन की सभी हदें पार कर जाता है? आखिर क्या होता है ऐसा की नील जेल की सलाखों के पीछे एक गहरी कहानी दबाएं बैठा होता है। आखिर क्या थी नील की कहानी ? क्या नील अपने प्यार को हासिल कर पाता है ? 
क्या उसकी ये कहानी मुकम्मल हो पाती है या फिर प्यार के पहले अक्षर की तरह ही अधूरी रह जाती है? ऐसे ही कई सवाल घर करने लगते है और इस रोमांचक प्यार के सफर को पढ़ने और कहानी को जानने के लिए उत्सुकता पैदा करते है। दरअसल ये उत्सुकता सिर्फ मेरे मन की ही नहीं हर उस इश्क़ करने वाले की है। प्यार को जीने वाले के मन की है।  
तो तय करें प्यार के इस रोमांचक सफर को "रूह से रूह तक" क्योंकि दिल भर जाते हैं जिस्म मर जाते हैं 
ऑर्डर करें विनीत बंसल द्वारा लिखे इस ख़ूबसूरत नावेल को "रूह से रूह तक"  
पढ़ते रहें धुन ज़िन्दगी क्योंकि प्यार हो या कोई भी सफर ज़िन्दगी में धुन का होना ज़रूरी है।  
अनुज पारीक
धुन ज़िन्दगी

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