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World Literacy Day / क से कचरा - Anuj Pareek


      क से कचरा

आज हम 21 वी सदी में जी रहे हैं
सब कुछ तेज़ी से बदल रहा है तेज़ रफ़्तार, बड़ी-बड़ी मंज़िले Digital Learning 
पर क्या कभी आपने सोचा ?
ऐसे भी कई बच्चे हैं जिन्हें आज भी स्कूल के द्वार नसीब नहीं 
आज भी उनके लिए क से मतलब कचरा है ये बच्चे आपको आपके गली-मोहल्ले या किसी कॉलोनी में कहीं कचरा बीनते मिल जाएंगे अगर सही मायने में देश को साक्षर बनाना है।  
तो ज़रूरत है सबसे पहले इन बच्चों को साक्षर करने की।  
अनुज पारीक
धुन ज़िन्दगी

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