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Nayi Reeti Aur Neeti Wala Bharat - Anuj Pareek

 भारत चीन सीमा विवाद : नई रीति और नई रीति वाला भारत और ज़िम्मेदार नागरिक नज़रिया 


भारत-चीन संबंध कभी भी अच्छे नहीं रहे हैं, एक ओर सीमा विवाद (LAC, गलवान जैसी घटनाएँ, अरुणाचल पर दावे आदि) ये सब बातें कहीं न कहीं हमारे देश के लिए चिंतनीय और तनाव पैदा करने वाली हैं, वहीं अगर इस मसले को व्यापारिक दृष्टि से देखे तो डिपेंडेंसी ज़्यादा है, फिर वो चाहे हमारी तरफ से हो या चीन की तरफ से। 


लेकिन सोचने वाली बात है कि इस मामले को बैलेंस्ड ऑय से देखा ही नहीं जा सकता क्योंकि असली मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीति और भू-राजनीति से जुड़ा है।

चीन के द्वारा सीमा पर अपनी उपस्थिति और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ता ही रहा है, जो लगातार हमारी चिंता बढ़ने का कारण है। 


अगर व्यापारिक दृष्टि से चीन इस मामले को सकारात्मक रवैये से ले तो कुछ हद तक सुलझने की संभावनाएं हो सकती हैं। क्योंकि चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, केमिकल्स जैसी ज़रूरी वस्तुएँ भारत चीन से आयात करता है। लेकिन आयात ज़्यादा और निर्यात कम होने से भारत को ट्रेड डेफिसिट की चुनौती है।


हालांकि दोनों देश कोशिश कर रहे हैं कि व्यापार चलता रहे और सीमाओं पर शांति बनी रहें। 

नई रीति और नई रीति वाले भारत की अब मान्यता है कि सीमा पर शांति होगी तो ही व्यापार और रिश्ते रहेंगे। 


लेकिन इन सब में हमारे पास एक ऑप्शन होना चाहिए क्योंकि चीन की नीतियों पर ज़्यादा विश्वास किया नहीं जा सकता इसलिए बेहतर है डिप्लोमेटिक डील करते हुए भविष्य के विकल्प पर ज़ोर देना और ये विकल्प हमारे लिए वियतनाम, इंडोनेशिया, ताइवान, यूरोप, अमेरिका हैं जिन पर ध्यान देकर चीन पर हम अपनी निर्भरता कम कर सकते हैं।

Anuj Pareek 

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