Header Ads

पढियें रोज़ एक कहानी

सआदत हसन मंटो उर्दू अदब में एक ऐसा नाम जो अपनी कहानियों की वजह से बेहद विवादास्पद रहे और सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले रचनाकार।  जिन्होंने विभाजन से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से लिखा। मंटो के जीवनकाल में उनकी रचनाओं के खिलाफ मुल्ला मौलवियों 
ने तमाम फतवे जारी किये। 
अश्लीलता के आरोप में उन पर कई बार मुकदमे चले। लेकिन इन सब अड़चनों से मंटो हर्गिज हतोत्साहित नहीं हुए और उनकी कलम से जीवन की नंगी सचाई का निकलना जारी रहा।  

उन्होंने समाज के हमेशा उन पात्रों और उन परिस्थितियों के बारे में कलम चलाई जिन पर आम लोग बात करने से परहेज करते हैं। समीक्षकों के अनुसार मंटो का साहित्य अपने समय से बहुत आगे था। यही वजह है कि उनकी रचनाओं की प्रासंगिकता आज भी कम नहीं हुई है।

मई महीना है और ये महीना होता है मंटो का तो पढियें रोज़ एक कहानी 
उर्दू के सबसे बड़े कलमनिगार और अपने वक़्त से कहीं आगे चलने वाले सआदत मंटो की 




मंटो का जन्म 11 मई 1912 को हुआ था। 
तो चलिए जानते मंटो साहब के बारे में ...
24 साल की उम्र में उर्दू में छोटी कहानियों का संस्करण 'आतिश पारे' छापा।  
3 बार हिन्दुस्तान और बंटवारे के बाद 3 बार पाकिस्तान में अश्लील साहित्य के आरोप लगे पर दोषी साबित नहीं हुए 
बू, खोल दो, ठंडा गोश्त, और टोबा टेक सिंह उनकी रोंगटे खड़ी करने वाली कहानियां है।  

तो पढियें रोज़ एक कहानी .......


No comments