Poetry On Environment / पर्यावरण की हत्या – अनुज पारीक
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पेश है मेरी ये कविता
अपने ही हाथों कर रहे है पर्यावरण की हत्या
पेड़ पौधों हरयाली को छोड़ कर रहे है दीवारों की रक्षा
काट रहे है पेड़ों को कर रहे है जंगलों का नाश
जो नहीं चेते अभी भी तो
हो जायेगा सब खाक जल की बूंद-बूंद को तरसेंगे हम और आप !
अनुज पारीक
#WorldEnvironmentDay
विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण की हत्या – अनुज पारीक
Poetry on World Environment Day
Nature
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Environment Poetry by Anuj Pareek
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