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Maa










एक तू ही है की जिसने
मेरी पीड़ा को छावं दी
वरना
टूट गया था मैं तो
हर बार हर लम्हा हर पल सम्भाला तूने वरना
इतनी शानो शौकत से कहा खड़ा कर पता अपने आप को
एक तू ही तो थी माँ जिसने बार-बार हर बार संवारा मुझे
हर डगर हर राह पर तूने ही तो हौसला बढ़ाया था मेरा !

Anuj Pareek

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