चैत्र नवरात्र
नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र के 9 दिन हमें जगाते हैं
नकारात्मक ऊर्जा का नाश कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं। इन 9 दिनों में पवित्रता और शुद्धि का विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में नियमोँ का विधिपूर्वक पालन और श्रद्धापूर्वक की गई पूजा से देवी दुर्गा की कृपा से साधकों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इससे जीवन और घर में नकारात्मक उर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक उर्जा का संचार होता है. नवरात्र में ध्यान रखी जाने वाली ख़ास बातें ......
नवरात्र में करने चाहिए ये काम--
मान्यता है कि देवी दुर्गा को लाल रंग सर्वप्रिय है, इसलिए नवरात्रि व्रतधारी को लाल रंग के आसन, पुष्प और वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि व्रतधारी सुबह और शाम देवी दुर्गा के मंदिर में या अपने घर के मंदिर में घी का दीपक प्रज्जवलित करते हैं और दुर्गा सप्तसती और दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं. फिर देवी की आरती करते हैं.
नवरात्रि में अनेक श्रद्धालु नौ दिन उपवास रखते हैं या एक समय को भोजन नहीं करते हैं या फिर केवल फलाहार पर रहते हैं.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों घर पर आई किसी भी कन्या को खाली हाथ विदा नहीं किया जाता है. नवरात्रि के नौवें दिन नव कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराया जाता है.
नहीं करने चाहिए ये काम नवरात्रि में---
मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में 9 दिन दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाई जाती है. इन दिनों नाखून काटने के लिए भी मना किया जाता है.
जो व्रतधारी नवरात्रि में कलश स्थापना करते हैं और माता की चौकी स्थापित करते हैं, वे इन 9 दिनों में घर खाली छोड़कर नहीं जा सकते हैं.
मान्यताओं के अनुसार इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और मांसाहार (नॉन-वेज) पाबन्दी होती है. केवल यही नहीं, बल्कि व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू काटने पर रोक लगा दिया जाता है. साथ ही व्रत रखने वालों को 9 दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. उन्हें बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों के इस्तेमाल से बचने के लिए कहा जाता है.
नवरात्रि व्रतधारी नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करते हैं. पौराणिक आख्यानों के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और ब्रह्मचर्य का पालन न करने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है.
नकारात्मक ऊर्जा का नाश कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं। इन 9 दिनों में पवित्रता और शुद्धि का विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में नियमोँ का विधिपूर्वक पालन और श्रद्धापूर्वक की गई पूजा से देवी दुर्गा की कृपा से साधकों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इससे जीवन और घर में नकारात्मक उर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक उर्जा का संचार होता है. नवरात्र में ध्यान रखी जाने वाली ख़ास बातें ......
नवरात्र में करने चाहिए ये काम--
मान्यता है कि देवी दुर्गा को लाल रंग सर्वप्रिय है, इसलिए नवरात्रि व्रतधारी को लाल रंग के आसन, पुष्प और वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि व्रतधारी सुबह और शाम देवी दुर्गा के मंदिर में या अपने घर के मंदिर में घी का दीपक प्रज्जवलित करते हैं और दुर्गा सप्तसती और दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं. फिर देवी की आरती करते हैं.
नवरात्रि में अनेक श्रद्धालु नौ दिन उपवास रखते हैं या एक समय को भोजन नहीं करते हैं या फिर केवल फलाहार पर रहते हैं.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों घर पर आई किसी भी कन्या को खाली हाथ विदा नहीं किया जाता है. नवरात्रि के नौवें दिन नव कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराया जाता है.
नहीं करने चाहिए ये काम नवरात्रि में---
मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में 9 दिन दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाई जाती है. इन दिनों नाखून काटने के लिए भी मना किया जाता है.
जो व्रतधारी नवरात्रि में कलश स्थापना करते हैं और माता की चौकी स्थापित करते हैं, वे इन 9 दिनों में घर खाली छोड़कर नहीं जा सकते हैं.
मान्यताओं के अनुसार इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और मांसाहार (नॉन-वेज) पाबन्दी होती है. केवल यही नहीं, बल्कि व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू काटने पर रोक लगा दिया जाता है. साथ ही व्रत रखने वालों को 9 दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. उन्हें बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों के इस्तेमाल से बचने के लिए कहा जाता है.
नवरात्रि व्रतधारी नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करते हैं. पौराणिक आख्यानों के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और ब्रह्मचर्य का पालन न करने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है.
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