छोटा सा और मोटा सा
हम रोज़ कितना प्रदूषण फैलाते हैं कार,
बाइक में पेट्रोल फूंक कर और भी कई तरीकों से जैसे सिर्फ एक छोटा सा और
मोटा सा उदाहरण पॉलीथिन!
पर क्या कभी सोचा है जो
पॉलीथिन हम अपने आप को थैले के बोझ से बचाने में करते हैं वो कितनी ख़तरनाक
होती है, बनने में कितना प्रदूषण होता है।
अगर सच -
मुच में प्रदूषण की चिन्ता है तो सबसे पहले पॉलीथिन को हमेशा के लिए bye -
bye कहें।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करें पर क्यों भाई स्टेटस दिखाना जो
है। असली मायने में आपका स्टेटस तब होगा जब आप अपनी कार से जाने में शान
नहीं समझेंगे हां फिर भले से आप ज्ञान पेल सकते हैं। पर ये तो सरासर ग़लत
है खुद श्रीमान बैंगन खाये और फिर औरों को आलू खाने का मशवरा दें। बाकी
ज्ञान तो सब पेलते ही आए हैं। और हां ये पक्का है नई पीढ़ी गालियां ज़रूर देगी।
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