स्वामी रामचरण स्नेही जयंती
स्वामी रामचरण स्नेही जयंती पर विशेष (10 फरवरी 2017)
गुरु राम चरण जी महाराज ने रामचरण स्नेही सम्प्रदाय की स्थापना की।
रामचरण जी महाराज अठारहवीं सदी के आरम्भ में उत्पन्न के एक संत थे। श्री रामचरण जी महाराज निर्गुण भक्ति शाखा के संत थे।
रामचरण जी का जन्म माघ शुक्ला 14 शनिवार संवत् 1776 (1719 ई॰) को अपने ननिहाल सोडा गांव में हुआ। यह स्थान जयपुर से लगभग 70-75 किलोमीटर दूर टोंक ज़िले के मालपुरा नगर के समीप है। रामचरण महाराज के पिताजी का नाम बख्तराम जी तथा माताजी का नाम देउजी था। ये मालपुरा के समीप बनवाडागांव के रहने वाले थे। स्वामी जी का बचपन का नाम रामकिशन था। इनकी जाति विजयवर्गीय थी।
विनतीरामजी द्वारा लिखित जीवन चरित्र पुस्तक में इनके विवाह का उल्लेख किया है। इनका विवाह चांदसेन गांव (मालपुरा नगर के पास) में, एक सम्पन्न परिवार में गिरधारीलाल खूंटेटा की कन्या गुलाब कंवर बाई के साथ हुआ।
इनके गुरु कृपाराम जी महाराज थे जिन्होंने इन्हें राम भक्ति की शिक्षा दी। सं. 1817 में ये भीलवाडा गये और वहीं अपनी अणभैवाणी की रचना की। इनके निवास हेतु वि. सं. 1822 में देवकरण जी तोषनीवाल ने रामद्वारा का निर्माण कराया गया।
स्वामीजी रामचरण जी महाराज वैषाख कृष्ण पंचमी गुरूवार सं. 1855 को शाहपुरा में ही ब्रहम्लीन हुए।
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