Header Ads

Bali Ka Bakra (बलि का बकरा)

बिस्किट की क्रीम बॉस, यहा हाथ आता है तो कोरा बिस्किट / बलि का बकरा : अनुज पारीक

एक मूवी देखते हुए एक COMEDY ARTIST के JOKE पे ग़ौर किया 
उसपे थोड़ा सोचा तो एक बात निकलकर सामने आई 
दरअसल एक NEW EMPLOYEE दवारा मीटिंग मे दिए गये सुझाव को सराहा गया और उस EMPLOYEE की खूब तारीफ़ की गयी  , 
 EMPLOYEE KHUSH BOSS PUSH
यानी आइडिया विदाउट फिल्टर हुए  डाइरेक्ट मीटिंग मे रख दिया जाए तो बॉस के रिएक्शन तो देखने लायक ही होंगे
और ठीक हुआ भी एसा ही और रील से हटकर रियल लाइफ मे झाकने की कोशिश करे तो उन बाकी एम्पॉलयस के साथ भी यही होता है 

जो भी हो बॉस के रिएक्शन बड़े कमाल के होते है 

क्यो बे .. तू ज़्यादा समझदार है क्या ? 
अगर ज़िंदगी मे आगे बड़ना है अपने सीनियर की Respect  करो 
खेर छोडो आगे से कोई भी आइडिया बताने से पहले मेरे साथ Share कर लिया करो 

मजबूरी एम्पलोई की
बिस्किट की क्रीम बॉस, यहा हाथ आता है तो कोरा बिस्किट 

यही तो होता है, होता भी यही है 
काम कोई करे क्रेडिट कोई और साला हाथ वही बिस्किट 
सुबह बन ठन पूरे जोश जुनून के साथ दिन भर काम फिर शाम को चूसे हुए आम की तरह ऑफीस से घर 
 दौड़े कोई और CREDIT  कोई और ले जाता है 
बोनस प्रमोशन तो हाथ आता नही फिर वही एक चारा REVITAL  जियो जी भर के.......
आख़िर क्यो Management  को नही दिखता ..Organization के लिए कौन  समर्पित है !

 लेकिन बलि का बकरा बेचारा एम्पलोई बन जाता है ठीक उसी बकरे की तरह  


Well बकरे से एक कहानी याद आई !



एक बार एक किसान का घोडा बीमार हो गया। उसने घोड़े के इलाज के लिए डॉक्टर को बुलाया।
डॉक्टर ने घोड़े को देखा और बोला "आपके घोड़े को काफी गंभीर बीमारी है। हम तीन दिन तक इसे दवाई देकर देखते हैं, अगर यह ठीक हो गया तो ठीक नहीं तो हमें इसे मारना होगा। क्योंकि यह बीमारी दूसरे जानवरों में भी फ़ैल सकती है।"

यह सब बातें पास में खड़ा एक बकरा भी सुन रहा था।

अगले दिन डॉक्टर आया, उसने घोड़े को दवाई दी चला गया। उसके जाने के बाद बकरा घोड़े के पास गया और बोला, "उठो दोस्त, हिम्मत करो, नहीं तो यह तुम्हें मार देंगे।"

दूसरे दिन डॉक्टर फिर आया और दवाई देकर चला गया।

बकरा फिर घोड़े के पास आया और बोला, "दोस्त तुम्हें उठना ही होगा। हिम्मत करो नहीं तो तुम मारे जाओगे। मैं तुम्हारी मदद करता हूँ। चलो उठो"

तीसरे दिन जब डॉक्टर आया तो किसान से बोला, "मुझे अफ़सोस है कि हमें इसे मारना पड़ेगा क्योंकि कोई भी सुधार नज़र नहीं आ रहा।"


जब वो वहाँ से गए तो बकरा घोड़े के पास फिर आया और बोला, "देखो दोस्त, तुम्हारे लिए अब करो या मरो वाली स्थिति बन गयी है। अगर तुम आज भी नहीं उठे तो कल तुम मर जाओगे। इसलिए हिम्मत करो। तुम्हे उठना होगा दौड़ना होगा 
बकरे की बातों से घोड़ा मोटीवेट हो जाता और खड़े होने की कोशिश करता है और दौड़ने लगता है .
ये सब किसान देख कर खुशी के मारे झूम उठता है चिल्लाने लगता है मेरा घोड़ा ठीक हो गया .
ये तो "चमत्कार हो गया।  अब तो जश्न होगा पार्टी होगी  आज बकरे का मीट का खाएँगे !

ठीक एसे ही Management की आँखो पर भी पट्टी बँधी रहती है 

वो ये देखने की कोशिश नही करते आख़िर घौड़ा दौड़ा कौन  रहा है !.........
                                                                              
ANUJ PAREEK
Writer, Poet, Storyteller  
Dhun Zindagi 

5 comments:

  1. Management की आँखो पर भी पट्टी बँधी रहती है
    isiye cream kisi aur ke hath lagti hai
    jo asli hakdar hota hai wo to kora biscuit

    ReplyDelete
  2. Nice heart touching line bro...

    ReplyDelete
  3. Sahi kaha ji management ki aankhon pe patti bandhi hoti hai

    ReplyDelete
  4. Really very nic story
    & ur storytelling is superb
    Great

    ReplyDelete