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World Literacy Day_ Dhun Zindagi Ki by Anuj Pareek




आज हम 21 वी सदी मे जी रहे हैं ,सब कुछ तेज़ी से बदल रहा है 

तेज़ रफ़्तार, बड़ी-बड़ी मंज़िले, Digital Learning पर क्या कभी आपने सोचा है ऐसे भी कई बच्चे हैं।  जिन्हें आज भी स्कूल के द्वार नसीब नहीं  

आज भी उनके लिए क से मतलब कचरा है 

ये बच्चे आपको आपके गली-मोहल्ले कॉलोनी मे कहीं कचरा बीनते मिल जाएँगे अगर सही मायने मे देश को साक्षर बनाना है तो ज़रूरत है सबसे पहले इन बच्चों  को साक्षर करने की ! 
                                                                                                                


    

4 comments:

  1. vry nice so touching
    bilkul sahi kaha digitial learning ke daur me bhi kai baccho ko school ke dwar nasib nahi

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  2. Very nic
    Bilkul sahi likha hai & sacchai dikhayi hai

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